SSR Death Case: सुशांत सिंह राजपूत के जीजा विशाल कीर्ति ने कहा, 'हमने जो खोया है, उसे शब्दों...'
सुशांत सिंह राजपूत के जीजा विशाल कीर्ति ने अपने ब्लॉग पर उस दिन की कहानी लिखी है, जब उन्हें सुशांत के निधन की ख़बर मिली थी। उन्होंने लिखा, 'जब ख़बर मिली, तो अमेरिका में रात के 2 बज रहे थे। श्वेता को रोते हुए देख मेरा दिल टूट गया था।'
सुशांत सिंह राजपूत के निधन को दो महीने बीत चुके हैं। 14 जून को दोपहर को वो अपने बांद्रा स्थित अपने घर पर मृत पाए गए थे।
उस हादसे के दो महीने बाद सुशांत के जीजा विशाल कीर्ति ने सुशांत के आकस्मिक निधन वाले दिन की कहानी अपने ब्लॉग पर साझा की है, जिसमें उन्होंने लिखा है कि जब उन्होंने पत्नी श्वेता को फोन पर बात करते वक्त रोते हुए देखा, तो उनका दिल टूट गया था। विशाल के मुताबिक, उस रात (अमेरिका में उस वक्त रात के दो बज रहे थे) उनकी जिंदगी हमेशा के लिए बदल गई।
इस ब्लॉग में विशाल ने लिखा कि अमेरिका में उस वक्त रात के दो बज रहे थे, जब उन्हें सुशांत की मौत की खबर मिली थी।
विशाल लिखते हैं, 'हम गहरी नींद में थे। यूएस में शनिवार (13 जून) की रात थी और भारत में रविवार (14 जून) की दोपहर। मैं वीक-नाइट में आमतौर पर अपने फोन को एयरप्लेन मोड में रख कर सोता हूं। ताकि आधी रात मुझे किसी तरह का डिस्टरबेंस न हो। मेरी पत्नी अपने फोन को वाइब्रेट मोड पर रखती है। हालांकि, वीकेंड में कभी-कभी मैं अपने फोन को एयरप्लेन मोड की बजाय वाइब्रेट मोड में छोड़ देता हूं।'
वो आगे लिखते हैं, 'रात दो बजे (भारत में दिन के ढाई बजे) के आसपास लगातार कॉल आ रहे थे। फोन बेड से दूर था। इसलिए मुझे कोई आइडिया नहीं था कि कौन फोन कर रहा था, लेकिन मैं लगातार वाइब्रेशन महसूस कर रहा था। मैं परेशान होकर उठा और चेक किया तो मेरी दुनिया जैसे लड़खड़ा गई। किसी से बात करता, उससे पहले ही मैंने स्क्रीन पर फ्लैश हो रहे टेक्स्ट मैसेज पढ़े। फैमिली मेंबर्स समेत कई लोग हमसे संपर्क करने की कोशिश कर रहे थे। कई दोस्त पूछ रहे थे कि क्या यह अफवाह थी।'
उन्होंने आगे लिखा, 'मैंने न्यूज चैक की और यह देखकर एकदम घबरा गया कि सुशांत ने अपनी जान ले ली। मैं श्वेता के फोन की ओर दौड़ा, जो कि बेड के दूसरी ओर था। मैंने देखा कि उसमें ढेर सारे मैसेज और कॉल्स थे। तब मैंने जिंदगी के सबसे मुश्किल कामों में से एक किया। मैंने श्वेता को खबर दी। मैं उसका रिएक्शन और उसका अपनी रानी दी (सुशांत की बड़ी बहन) से पहली बातचीत भूल नहीं सकता। फोन पर बात करते हुए उसे रोते देखा तो मेरा दिल टूट गया था। उस रात हमारी जिंदगी हमेशा के लिए बदल गई।'
बकौल विशाल इस खबर के मिलने के बाद वे भारत आने की तैयारी में लग गए। वे लिखते हैं, 'पूरी रात हम जानकारी जुटाने में लगे रहे। हमें महसूस हुआ कि कोविड-19 के कारण भारत की यात्रा करना, तो दूर फ्लाइट का टिकट मिलना भी मुश्किल था। एक दोस्त की मदद से हमें सैन फ्रांसिस्को से दिल्ली की फ्लाइट में श्वेता के लिए 16 जून की सीट मिल गई। सुबह और भी बड़ा चैलेंज था, क्योंकि हमें अपने बच्चों, सुशांत के भांजे और भांजी को खबर देनी थी।'
अपने ब्लॉग में आखिर में विशाल लिखते हैं, 'मैं इसे इसलिए साझा कर रहा हूं, क्योंकि उस भयानक रात को दो महीने बीत चुके हैं और हम अब भी संघर्ष कर रहे हैं। इमोशन अभी भी हाई हैं और आंखें अभी भी भीगी हुई हैं। हमने उस रात जो खोया, उसे शब्दों में बयां करना मुश्किल है। हमारी जिंदगी हमेशा वैसी ही नहीं रहेगी। हम हमेशा सोचते हैं कि ऐसा क्या हुआ? क्यों उसे बचाया नहीं जा सका? इसलिए मैं सभी से अपील करता हूं कि सच के लिए आवाज उठाते रहें। ताकि न केवल हम, बल्कि सुशांत के सभी समर्थक भी शांति पा सकें।'
I am sharing this because it’s been two months since that fateful night and we are still struggling. Emotions are still high and eyes are still watery. What was taken away from us that night is hard to express in words. #CBI4SSR https://t.co/bUTvqr8uPL— vishal kirti (@vikirti) August 13, 2020
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