सुशांत सिंह राजपूत की रानी दीदी ने लिखा, 'पूजा की थाली है, दीया है, मिठाई है, लेकिन वह....'
सुशांत सिंह राजपूत के निधन को तकरीबन 50 दिन गुजर चुके हैं। ऐसे में भाई-बहन का पर्व रक्षाबंधन के दिन एक बार फिर से सुशांत की बहनों की आंखों में आंसू भर आए हैं। अपने इकलौते भाई के बिछड़ने के दर्द को सोशल मीडिया पर जाहिर कर रही हैं। इन्हीं बहनों में सुशांत ने जिन्हें अपनी 'मां' कहा करते थे, उन्हीं नीतू सिंह उर्फ रानी दीदी ने अपने भाई के लिए भावुक नोट लिखा है।
सुशांत सिंह राजपूत के निधन को तकरीबन 50 दिन बीत चुके हैं और अभी तक पुलिस सुशांत की मृत्यु के असल कारणों का पता नहीं लगा पाई है।
वहीं आज राखी के त्योहार पर सुशांत की बहनों को अपने उनकी याद आ रही है। अपने भाई को याद करते हुए उन लोगों ने सोशल मीडिया पर अपने-अपने दर्द साझा किए हैं।
सुशांत की सबसे बड़ी बहन नीतू सिंह उर्फ रानी दीदी, जिन्हें सुशांत अपनी 'मां' कहते थे, उन्होंने बेहद भावुक करने वाली पोस्ट लिखी है।
रानी दीदी का सुशांत के नाम पत्र इस तरह से हैं....
गुलशन (सुशांत का घर का नाम), मेरा बच्चा,
आज मेरा दिन है।
आज तुम्हारा दिन है।
आज हमारा दिन है।
आज राखी है।
पैंतीस साल के बाद ये पहला अवसर है, जब पूजा की थाल सजी है, आरती का दिया भी जल रहा है, हल्दी-चंदन का टीका भी है, मिठाई भी है। राखी भी है, बस वो चेहरा नहीं है, जिसकी आरती उतार सकूं। वो ललाट नहीं है, जिस पर टीका सजा सकूं। वो कलाई नहीं, जिस पर राखी बांध सकूं। वो मुंह नहीं, जिसे मीठा कर सकूं। वो माथा नहीं, जिसे चूम सकूं। वो भाई नहीं, जिसे गले लगा सकूं।
वर्षों पहले जब तुम आए थे, तो जीवन जगमग हो उठा था। जब थे, तो उजाला ही उजाला था। अब जब तुम नहीं हो, तो मुझे समझ नहीं आता कि क्या करूं? तुम्हारे बगैर मुझे जीना नहीं आता। कभी सोचा नहीं कि ऐसा भी होगा। ये दिन होगा पर तुम नहीं होगे। ढेर सारी चीजें हमने साथ-साथ सीखीं। तुम्हारे बिना रहना मैं अकेले कैसे सीखूं? तुम्हीं कहो।
हमेशा तुम्हारी
रानी दी
श्वेता सिंह कीर्ति में भी शेयर की पोस्ट
बहनों में सबसे छोटी, लेकिन सुशांत से बड़ी श्वेता सिंह कीर्ति ने भी सोशल मीडिया पर पोस्ट शेयर किया, जिसमें बचपन की एक तस्वीर है। इस तस्वीर में सुशांत सभी बहनों से घिरे नजर आ रहे हैं। श्वेता ने कैप्शन में लिखा है, 'मेरे स्वीट से बेबी को हैप्पी रक्षाबंधन। बहुत प्यार करते हैं, हम आपको जान और हमेशा करते रहेंगे। आप थे, आप हो और आप हमेशा हमारा गर्व रहोगे।'
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