सुशांत सिंह राजपूत को 11वीं क्लास में पहले दिन ही टीचर से मिल गई थी सज़ा
सुशांत सिंह राजपूत न सिर्फ एक एक्टर थे, बल्कि वो एक स्कॉलर के रूप में भी जाने जाते हैं। इंजीनियरिंग की परीक्षा में ऑल इंडिया टॉपर रहे सुशांत को ग्यारहवी क्लास में पहले दिन ही अपनी टीचर से सजा मिल गई थी। सुशांत को उनके दोस्तों के साथ क्लास से बाहर निकाल कर कान पकड़ कर खड़े होने की सजा मिली थी।
सुशांत सिंह राजपूत के जीवन के कई पहलू हैं, जो अब लोगों के सामने धीरे-धीरे बाहर आ रहे हैं। हालांकि, गैलेक्सी, क्वांटम फिजिक्स, सिंगिग, एजुकेशन ऐसे कई मुद्दे हैं, जिनपर वो घंटों बातें करते थे। प्रकृति के करीब रहकर शांति चाहते थे। आध्यात्म में डूब कर भजन गाया करते थे।
हाल ही में उनके स्कूल डेज से जुड़ा एक दिलचस्प किस्सा सामने आया है। दरअसल, सुशांत अपनी हायर एजुकेशन के लिए साल 2001 में बिहार से राजधानी दिल्ली आ गए थे। उन्होंने कुलाची हंसराज मॉडल स्कूल में एडमिशन लिया। यहां उनके कुछ अच्छे दोस्त बने। उन्हीं में से एक नव्या जिंदल भी हैं, जिन्होंने पुराने दिनों को याद करते हुए सुशांत के बारे में एक दिलचस्प क़िस्सा शेयर किया।
नव्या ने एजेंसी को बताया, 'सुशांत और मैं 11 वीं क्लास के पहले दिन मिले थे। हम दोनों ही दिल्ली से नहीं थे। शायद इसीलिए पहले ही दिन हमारी अच्छी दोस्ती हो गई। मुझे याद है कि हमने अपना परिचय दिया और फिर एक साथ बैठे। जल्द ही हम बिना रुके खूब बातें करने लगे थे। इसी बीच सुशांत ने एक मजेदार जोक सुनाया कि हम सब हंसने लगे। जाहिर है, टीचर ने हमें देख लिया और हम सबको क्लास के बाहर कान पकड़कर खड़ा कर दिया।'
नव्या ने आगे कहा, 'कल्पना करें कि स्कूल में पहले ही दिन हमें सजा मिली। मैं वह दिन कभी नहीं भूल सकती। इसके बाद भी मैं और सुशांत हंस रहे थे।'
नव्या ने आगे बताा कि स्कूल की एक शिक्षक सुशांत को 'कैसेनोवा' (इश्कबाज) कहती थीं। नव्या कहती हैं, 'सुशांत हर किसी का पसंदीदा था। वह स्कूल के समय के दौरान आकर्षण का केंद्र रहता था। लड़कियां हमेशा उससे बात करना चाहती थीं। वह एक आकर्षक व्यक्तित्व वाला था। हमारी केमेस्ट्री की टीचर उसे कैसेनोवा कहती थीं। वो अक्सर कहती थीं, पढ़ाई-लिखाई में ध्यान नहीं, बस आवारागर्दी करनी है।'
किशोर कुमार के प्रशंसक थे सुशांत। नव्या की माने, तो को संगीत का काफी शौक था। वो कहती हैं, 'वह किशोर दा के जबरदस्त फैन थे। हम हर समय उनके गाने सुनते थे और गाते भी थे। जब भी मैं गाने में गलती कर देती थी तो सुशांत मेरे सिर पर थपकी मार देते थे। उसके मुताबिक किशोर दा के गाने की लिरिक्स में गलतियां करना अपराध था।'
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