Thalaivi: विधानसभा में खींची गई थी जयललिता की साड़ी, कंगना की 'थलाइवी' में दिखी झलक

तमिलनाडु का भूतपूर्व मुख्यमंत्री जे जयललिता के साथ 32 साल पहले आज ही के दिन एक शर्मसार कर देने वाली घटना घटी। इस घटना की झलक कंगना रनौत स्टारर फिल्म 'थलाइवी' में भी देखने को मिली। दरअसल, 25 मार्च 1989 ऐसी घटना घटी, जो भारत की राजनीति के काले पन्नों में दर्ज है। तमिलनाडु विधानसभा में जयललिता की साड़ी खीची गई थी। बाद में प्रेस कॉन्फ्रेंस में जयललिता ने उन्हें लगे चोट के निशान भी दिखाए और कहा कि असेंबली में उनके साथ मारपीट तक की गई।

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कंगना रनौत की 'थलाइवी' का ट्रेलर हाल ही में रिलीज़ किया गया है। इस ट्रेलर और कंगना की काफी तरीफें हो रही हैं। यहां तक कि कंगना से वैचारिक मतभेद रखने वाले राम गोपाल वर्मा ने भी उन्हें वर्सेटाइल एक्ट्रेस का तमगा दे दिया।

वहीं अपनी फिल्म 'थलाइवी' को लेकर कंगना ने एक खास बात सबसे साझा की है, जिसकी झलक ट्रेलर में भी देखने को मिली। दरअसल, कंगना ने जयललिता के साथ तमिलनाडु विधानसभा में हुए रोंगटे खड़े कर देने वाले हादसे के बारे में सबको बताया।

बता दें कि 25 मार्च 1989 में जयललिता के साथ तमिलनाडु विधानसभा में अभद्रता करते हुए उनकी साड़ी खींची गई। दरअसल, जयललिता ने उस समय के मुख्यमंत्री करूणानिधि और उनके एमएलए को चोर कहा, जिसके बाद करूणानिधि ने जयललिता के चरित्र पर उंगली उठाई। इतना ही नहीं, बल्कि डीएमके के नेताओं ने आक्रमण करते हुए उनकी साड़ी का खुला हुआ हिस्सा खींच दिया।

जयललिता अपनी इज़्जत बचाने की कोशिश करती रहीं। बाद में जयललिता ने मीडिया को उन पर हुए हमले से आई चोटों के निशान तक दिखाए। सबको दी चेतावनी, लेकिन जयललिता चुप बैठने वालों में से नहीं थीं। उन्होंने सबको चेतावनी देते हुए कहा कि भले ही वो ये सभा छोड़ रही है, लेकिन लौटेंगी, तो राज करने के लिए। इस घटना के दो साल बाद जयललिता ने उसी विधान सभा में बतौर मुख्यमंत्री शपथ ली और फिर सबको नाकों चने चबवाए।

तमिलनाडु की पहली महिला नेता विपक्ष थीं और यह बात कईयों के गले नहीं उतरती थी। साल 1987 में एमजीआर के निधन के बाद एएआईडीएमके की उन्होंने कमान संभाल ली थी। एमजीआर यानी एमजी रामचंद्रन, तमिल के मशहूर अभिनेता, जिन्हें भगवान की तरह पूजा जाता है। वहीं एमजीआर और जयललिता ने साथ में 30 फिल्में की थी।

एमजीआर ने एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में अपनी धाक जमाने के बाद राजनीति में कदम रखा, तो यहां भी छाए रहे। वो साल 1977-1987 तक तमिलनाडु के मुख्यमंत्री रहे। फिर साल 1982 में जब एमजीआर मुख्यमंत्री थे, उसी दौरान जयललिता ने एएआईडीएमके जॉइन की।

एमजीआर को जयललिता गुरु मानती थी, लेकिन लोगों ने उनके रिश्ते को दूसरे कई नाम दिए। यहां तक कि एमजीआर के निधन के बाद जयललिता घंटों उनके शव के पास बैठी रहीं, लेकिन जब अंतिम संस्कार के लिए वो एमजीआर के शरीर के साथ ट्रक पर चढ़ीं, तो एमजीआर की पत्नी और परिवार ने इसका विरोध किया और जयललिता को धक्के देकर हटाया गया।

ख़ैर, धीरे-धीरे अपनी राजनीति जमीन मजबूत करने के बाद वो दिन भी आया, जब जयललिता मुख्यमंत्री बनी। यहां तक कि लोग उन्हें प्यार से 'अम्मा' तक कहने लगे। उन्होंने गरीबों के लिए बहुत काम किया और उनकी अम्मा कैंटीन में लोगों को बेहद कम दाम पर खाना मिलता है।

वहीं 'थलाइवी' के ट्रेलर को देखकर ये साफ है कि कंगना रनौत पूरी तरह से जयललिता के किरदार में समा गई हैं। पर्दे पर उन्हें देखकर ऐसा लगता ही नहीं कि आप कंगना रनौत को देख रहे हैं।

ट्रेलर के बाद फिल्म को लेकर दर्शकों में बेताबी कुछ ज्यादा ही बढ़ गई है। वहीं कुछ ने तो ऐलान कर दिया है कि इस फिल्म के लिए कंगना रनौत को उनका पांचवा नेशनल अवार्ड मिलना तय है।

एएल विजय के निर्देशन में बनी फिल्म को केवी विजयेंद्र प्रसाद ने लिखा है। वहीं फिल्म का निर्माण विष्णु वर्द्धन इंदूरी और शैलेष आर सिंह ने किया है। 'थलाइवी' तमिल, तेलुगु और हिंदी में 23 अप्रैल को रिलीज होगी।

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