TMKOC: मुनमुन दत्ता उर्फ 'बबिता जी' अरेस्ट करने की उठी मांग

कॉमेडी शो 'तारक मेहता का उल्टा चश्मा' फेम मुनमुन दत्ता उर्फ 'बबिता जी' को ट्विटर पर अरेस्ट करने की मांग उठी। दरअसल, मुनमुन पर विशेष जाति पर अपमानजनक टिप्पणी करने का आरोप है। मामले के तूल पकड़ने के बाद मुनमुन दत्ता ने अपनी सफाई भी सोशल मीडिया पर दी।

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कॉमेडी सीरियल 'तारक मेहता का उल्टा चश्मा' की 'बबिता जी' यानी मुनमुन दत्ता को ट्विटर पर अरेस्ट करने की मांग शुरू हो गई है। नेटीजन्स ने इसकी मांग इतने पुरजोर तरीके से रखा कि ट्विटर पर #ArrestMunmunDutta ट्रेंड कर रहा है।

बताया जा रहा है कि मुनमुन ने विशेष जाति पर टिप्पणी की। इस विवाद की शुरुआत मुनमुन दत्ता के एक वीडियो से हुई, जिसमें वो एक विशेष जाति के लिए अपमानजनक शब्द इस्तेमाल करती हैं।

मुनमुन ने इस वीडियो में अपने फैंस के साथ कुछ बातचीत की। अपने मेकअप को लेकर बात करते हुए मुनमुन ने कहा, 'लिप टिंट को हल्का-सा मेकअप की तरह लगा लिया है, क्योंकि मैं यूट्यूब पर आने वाली हूं और मैं अच्छा दिखना चाहती हूं। भं* की तरह नहीं दिखना चाहती हूं।'

उल्लेखनीय है कि मुनमुन ने जिस शब्द का इस्तेमाल किया है, वो 19वीं सदी में सवर्णों द्वारा उन जातियों के लिए इस्तेमाल किया गया था, जो सफाई का काम करते थे और मैला ढोते थे। अब मुनमुन की ये टिप्पणी ट्विटर पर बेतरह वायरल हो गई है और उन्हें गिरफ्तार करने की मांग उठ गई।

एक यूजर ने लिखा, 'इस कोविड संकट में यदि वाल्मीकि समाज कोविड वॉरियर बनकर सफाई न करें, तो कुत्ते की मौत मारे जाओगे आप। सम्मान करो उनका जिनसे आप सुरक्षित हो।'

अन्य यूजर ने लिखा, 'यह कोई पहली बार नहीं है जब किसी का उसकी जाति के कारण अपमान किया गया हो और केवल माफी मांग कर मामले को रफा दफा करने की कोशिश की गई इसलिए हम गिरफ्तारी की मांग करते हैं।'

मुनमुन के इस कमेंट को सुनने के बाद लोग भड़क उठे हैं और उन्होंने मुनमुन पर जातिवादि होने का आरोप लगाया है। हालांकि मुनमुन दत्ता ने भी इस पर अपनी सफाई दी है। मुनमुन ने अपने ट्विटर पर अपनी सफाई देते हुए लिखा कि वह सभी लोगों का सम्मान करती हैं और उन्होंने अपने वीडियो से विवादित हिस्सा भी हटा दिया है।

मुनमुन ने लिखा, 'यह एक वीडियो के संदर्भ में है जिसे मैंने कल पोस्ट किया था जहां मेरे द्वारा इस्तेमाल किए गए एक शब्द का गलत अर्थ लगाया गया है। यह अपमान, डराने, अपमानित करने या किसी की भावनाओं को आहत करने के इरादे से कभी नहीं कहा गया था।'

मुनमुन लिखती हैं, 'मेरी भाषा के अवरोध के कारण, मुझे सही मायने में शब्द के अर्थ के बारे में गलत जानकारी दी गई थी। एक बार जब मुझे इसके अर्थ से अवगत कराया गया, तो मैंने तुरंत इस हिस्से को हटा दिया। मेरा हर जाति, पंथ या जेंडर से हर एक व्यक्ति के प्रति सम्मान है और हमारे समाज या राष्ट्र में उनके अपार योगदान को स्वीकार करते हैं।'

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